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जिन्दगी

-मोहन जोशी, दर्शानी , गरुड़, बागेश्वर,उत्तराखण्ड। साथियों गम और खुशियों से भरी है जिन्दगी इक किराये की समझ लो कोठरी है जिन्दगी।। गम के मौजों में गज़ल है गीत है गर गा सको। प्यार की महफिल में दिलकश शायरी है जिन्दगी। ले कहाँ जाओगे दौलत जो कमाई थी बहुत अंततः यारों कफ़न की सहचरी है […]

‘तुम न होते’

तुम न होते तो मेरा गम मुझे डुबो देता। कुरेद कर हर घड़ी जबरन मुझे ही खो देता।। ये आइना भी मैला हुआ जाता है फरेबी में। ये अक्स मेरा नहीं था जो वो मुझको देता।। ये जमाना भी महरूम है किसी मोहब्बत का। फिर कहो कैसे ये खुशी मुझको देता।। यूँ तो दरिया में […]

बोल प्रेम के

विश्वास के समुन्दर सम्हाले हुए रखना। लहरें खुशी की हरदम लहराते हुए रहना।। पलकों में सजा के रख लिया चेहरा ये फूल सा। हमदम मेरी आँखों में आते हुए रहना।। नजरों से हुई मुखातिब नजरें जो इस तरह। ये निगाह इस निगाह में डाले हुए रहना।। मुश्किल नहीं है कोई गर साथ दे सको तो। मुस्कान इन होंठों पे लाते हुए […]