मुझे छांव में रखा, खुद जलते रहे धूप में हां देखा है मैंने एक फरिश्ता मेरे पिता के रूप में, प्रेम के सागर से पूरे संसार को सींचा है, वो मेरा संसार रूपी एक बगीचा है मुझे छाता ओढ़ाकर, खुद भीगे हैं वो बरसात में जो खराब हो तबियत मेरी, तो जागे हैं वो पूरी […]