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‘सावन’

तुम थे सावन और मैं नन्हीं बदरी तुम गरजते और मेघ ले आते मैं सहमी सी अपलक तुम्हें निहारती तुम रिमझिम बरस जाते और मैं अपने अंदर किणमिण करती बूंदों को छिपा लेती क्योंकि तुम्हारे सामने उनकी कोई बिसात न थी जब तुम्हारी गर्जन तर्जन समाप्त हो जाती तो तुम चल देते मैं स्वयं को […]

‘राम राम’

रामलीला अपने अंतिम दौर पर थी। राम हाथों में धनुष बाण लिए,  अपने सन्मुख खड़े रावण का संहार करने से पहले विचलित सा इधर -उधर घूम रहा था। दर्शक बड़ी उत्सुकता से नजरें जमाए मंच की ओर टकटकी लगाए देख रहे थे।  हर वर्ष यही होता है फिर भी देखने वालों की नजरों में उत्सुकता […]

मीना अरोरा

युवा कवयित्री एवं व्यंग्यकार मीना अरोरा ने काफी कम समय में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। वे अब तक तीन किताबें लिख चुकी हैं। अमर उजाला से लेकर देश की तमाम बड़ी पत्र-पत्रिकाओं में उनके लेख छप चुके हैं। इसके अलावा वे राजस्थान, दिल्ली, गोवा, हल्द्वानी, भीमताल, नैनीताल जैसे शहरों में आयोजित सम्मेलनों में भाग […]