कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता, कभी धरती तो कभी आसमान है पिता। अगर जन्म दिया है मां ने, जानेगा जिससे जग वो पहचान है पिता। कभी कंधे पे बिठाकर मेला दिखाता है पिता, कभी बनके घोड़ा घुमाता है पिता, मां अगर पैरों पे चलना सिखाती है, तो पैरों पे खड़ा होना सिखाता है […]