Tag: kumauni gazal

‘भल लागौं ‘

गुईं चुपड़ि बात सुणण भल लागौं। आफी तारीफ आपणीं कौंण भल लागौं।। दुसरैकि काट और निखाणि धौ कै। दिन इसीक्यै बितौण भल लागौं।। लोग भौतै छ्न अगल बगल उनुँकैं। औज्ञै झुठ साँच् हरौंण भल लागौं।। हाथम् हाथ धरि चै रीं अकुइ भौतै। पकाइ खाँण् बिछाई बिछौंण भल लागौं।। जो छु मुख धैं वी छु भल […]