Tag: kubsurat kavitayen

मैं और मेरी तन्हाई

Anjali hldwani मैं और मेरी तन्हाई मैं और मेरी तन्हाई दूर तक, निकल जाया करते थे। और कहीं पेड़ के नीचे, बैठ के बाते किया करते थे। मैं तन्हाई से बोला करती थी, ये दुनिया बड़ी मतलबी हैं। बिना मतलब के दोस्त, रिश्तेदार कोई बात नहीं, करते या याद नहीं करते। और मेरी तन्हाई बोलती […]