Tag: jeevan par kavita

जीवन पथ के सच्चे राही ,जीवन पथ पर बढ़ते जाना

-प्रेम सिंह  *जीवन पथ के सच्चे राही ,जीवन पथ पर बढ़ते जाना। * मात -पिता और गुरुजनों का, साथ निरंतर लेते जाना, जीवन है एक भूल भुलैया, लेकिन तुझको पार है जाना, मेहनत अपनी करते जाना, जीवन पथ के सच्चे राही , जीवन पथ पर बढ़ते जाना II, आशा और निराशा से तू , आशा […]

कशमकश

-पूजागौरव ऐरी, कुसुमखेड़ा हल्द्वानी जीवन में अजीब कशमकश है कभी आस कभी विश्वाश है । ना कोई डोर ना कोई छोर जाने ये चले किस ओर । जो पाया कभी सोचा नहीं जो सोचा कभी मिला नही। आज भी दिल उदास है उनके लौट आने की आस है। कई सपने संजोए हुए है कई उम्मीदें […]