-प्रेमा हाल्सी, रामनगर-मंगलार एक हस्ती चली गई ,एक हस्ती के कारण। पालक छीना नन्हे -बच्चों का, दुख दे दिया दारुण ।। पूनम का चांद भी आज ,बन गया था अमावस । मां का आंचल भी आज, हो गया था कितना बेबस ।। निष्फल हुए पत्नी के ,सारे करवा- चौथ…। जब दिया एक हस्ती को एक […]