-उम्मेद सिंह बजेठा वह नर नही ,नर पशु है, और मृतक समान। हिंदी राजभाषा लिपि, देवनागरी का प्रावधान। कर्ण प्रिय, मधुर सरल, समझने मै आसान। संस्कृत सब भाषाओं की जननी, चेतना श्रोत तमिल तेलगु की संगिनी, सूर कबीर,तुलसी मीरा ने, प्रभु का किया सदा गुणगान, जन जन तक पहुंचाकर, अमर हुए रसखान। शब्द कोष हिंदी […]