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केवीएम लामाचौड़ में बाल कवियों ने बांधा समा

इंशा सलीम प्रथम, आयुष सती द्वितीय, गरिमा जलाल तृतीय स्थान पर रहीं हल्द्वानी। हरफनमौला साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में लामाचौड़ स्थित केवीएम पब्लिक स्कूल में सोमवार को हिंदी सप्ताह के उपलक्ष्य में बाल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें बच्चों ने भारत देश, बेटियों, स्कूल, शिक्षकों समेत विभिन्न विषयों पर स्वरचित कविताएं प्रस्तुत करके […]

हिन्दी भारत मां के माथे की बिंदी

-किरन पंत’वर्तिका’, हल्द्वानी उत्तराखंड निश्चय ही वन्दनीय है हिन्दी प्राणों में बसी हर श्वास है हिन्दी हिंदी भारत मां के माथे की बिंदी बड़ी सरल, सौम्य, सुंदर है हिन्दी। रमैनी,सबद, साखी, रहीम रत्नावली है हिन्दी महादेवी की यामा दिनकर की कुरुक्षेत्र है हिन्दी हिंदी भारत मां के माथे की बिंदी हर कवि लेखक की पुकार […]

भूली -बिसरी बचपन की यादें

-गिरिलाल गोपाल मण्डल, रानीखेत, उत्तराखंड याद आता है वो पुराना स्कूल याद आती है वो हरियाली, रंग बिरंगे फूल पेड़ों की छाया में रहते थे मस्त, ना कोई टेंशन, ना कोई चिंता, कितने ही खेलों में रहते थे ब्यस्थ। कहा चला गया, वो प्यारा बचपन खुशियों की बारि शो में भीगा तनमन। मास्टरजी हमारे बड़े […]

एक प्रेमी

-अजय आर्या, लालकुआं ना जाने क्या बात है तुम्हारे चेहरे पर सामने आती है तो सारे गम भुला देता हूँ कुछ तो जादू है तुझ में जो दूर होने पर भी तुम्हारे ही ख्यालों में रहता हूँ मेरे चेहरे की मुस्कान भी तुम हो मेरे दिल की अरमान भी तुम हो तुम ही हो हर […]

हिंदी से हिंदुत्व है

-चंपा बिष्ट, च्यूनी ( खीला), भतरोंजखान ( अल्मोड़ा ) हिंदी से हिंदुत्व है , हिंदुत्व से हिंदुस्तान । हिंदी भाषा सर्वोपरि है , नित करें इसका सम्मान । हिंदी से ही सम्भव है , सारे वेदों का ज्ञान । हिंदी भाषा से ही हम पढ़ पाते हैं , गीता और कुरान । हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा […]

ऐ प्रकृति तू

-प्रेमलता, चौखुटिया,  अल्मोड़ा ऐ प्रकृति तू ऐ प्रकृति तू इतनी अद्भुत कैसे हो गई है? ना कोई जादू ना कोई चमत्कार फिर ऋतुओं में परिवर्तन कैसे लाती है? ऐ प्रकृति तू… कभी जाड़े से तेरे तपन बिन देह का लहू भी जम जाता! तो कभी तेरी हवा व छांव बिन जीवन तक थम जाता है! […]

खग गीत गूंजे आकाश

-उर्वशी भट्ट,  बसंत विहार हल्द्वानी सुबह सलोनी आज की, रवि किरण अलग है आज। पवन पसारे पंख उड़े, खग गीत गूंजे आकाश।। पत्र सुर सम सारंगी , प्रेम सुगंध साजे संसार। बाल हिय हासैं लगे, है चित प्रफुल्लित आज।।

सपना छिपा हुआ अंकुर है

-ज्योत्सना कलखुड़िया, टनकपुर सपना छिपा हुआ अंकुर है नव विचार का फूल खिला नई इमारत गढनी हो तो सपना है आधार शिला बिना विचारों के मंथन के गाथा सभी अधूरी है गर विकास की बात करें तो सपना बहुत जरूरी है

दोस्ती

-दीपिका अग्रवाल, रूद्रपुर दोस्ती का रिश्ता होता है दिल से दोस्ती के बिना जिंदगी है अधूरी दोस्त के आ जाने से जिंदगी है रौनक लाती दोस्त है सुख दुख के साथी रिश्ता है ये अनमोल दिल से दिल की डोर बंधी है है ना, इसका कोई मोल थोड़ी मस्ती थोड़ी शरारत रूठना और मनाना है […]

हस्ती

-प्रेमा हाल्सी, रामनगर-मंगलार एक हस्ती चली गई ,एक हस्ती के कारण। पालक छीना नन्हे -बच्चों का, दुख दे दिया दारुण ।। पूनम का चांद भी आज ,बन गया था अमावस । मां का आंचल भी आज, हो गया था कितना बेबस ।। निष्फल हुए पत्नी के ,सारे करवा- चौथ…। जब दिया एक हस्ती को एक […]