प्रेम का सागर ले आते, फिर चाहे कुछ न कह पाते पिता, दुख के हर कोने में पड़े, वो रहते पिता, पूजे जाते शिव सदा और पी रहे विष पिता। पिता एक उम्मीद है, एक भविष्य की आस है। परिवार की हिम्मत और विश्वास है। बाहर से सख्त अंदर से नर्म है, उसके दिल में […]
प्रेम का सागर ले आते, फिर चाहे कुछ न कह पाते पिता, दुख के हर कोने में पड़े, वो रहते पिता, पूजे जाते शिव सदा और पी रहे विष पिता। पिता एक उम्मीद है, एक भविष्य की आस है। परिवार की हिम्मत और विश्वास है। बाहर से सख्त अंदर से नर्म है, उसके दिल में […]