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वर्षा करवाइए

मेघ मेघ काले काले, यहां वहां जाने वाले बादल रूठिए मत, यहां भी तो आइए कोई बैठा आस में है, कोई बैठा त्रास में है घुमड़ घुमड़ कर, प्यास ही बुझाइए सावन भी सूखे सूखे, नदी नाले सारे रूठे नैन में बचा न पानी, नैन न भिगाइए खेत में लगी फसल, इंद्रदेव दो दखल माटी […]

बूढी माँ की होली

होली की ठिठोली में कुछ याद दिखाई देती है बच्चो से दूर होकर माँ ना जाने कितना रोती है आया है रंगो का मौसम तू छुट्टी लेकर आ जाना बेटा, पोते, बहु की सुन घर में आवाज सुनाई देती है   होली आयी रंग है लायी झूला मैंने सजाया है दादी का मनमोहरहा गुड्डा घर जो […]