मेघ मेघ काले काले, यहां वहां जाने वाले बादल रूठिए मत, यहां भी तो आइए कोई बैठा आस में है, कोई बैठा त्रास में है घुमड़ घुमड़ कर, प्यास ही बुझाइए सावन भी सूखे सूखे, नदी नाले सारे रूठे नैन में बचा न पानी, नैन न भिगाइए खेत में लगी फसल, इंद्रदेव दो दखल माटी […]