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धरती माँ

-अंजलि, हल्द्वानी माँ हूँ इसका मतलब ये, नहीं के सारे दर्द सहूंगी। तुम पेड़ो को काटते रहो और मे देखती रहूँगी। मुझे भी दर्द होता हैं में भी रोती हूँ। ना काटो पेड़ो को कहती हूँ चलने दो ठंडी हवाये। आंधी का रूप ना लेने दो, माँ हूँ इसका मतलब ये नही सारे दर्द सहूंगी। […]

एक दिन का योग

-ललित भट्ट, हल्द्वानी 21 जून है दिवस आज कर रहा है विश्व योग, एक दिन में ही प्रकृति संघ बनाना चाहें संयोग, थोड़ा संशयी और अचंभित हूं मैं, एक दिन के ही योग से कैसे भागेंगे रोग।। नित्य करें जो हम योग व शारीरिक कर्म, स्वत: ही दूर हो जाएंगे हमारे सारे मर्म, दौड़ भाग […]

योग पर दोहे

-रमेशचन्द्र द्विवेदी, हल्द्वानी (०१) योग दिवस पर योग का, करें आज संकल्प। रहें  निरोगी  हम सदा, मिलता नहीं विकल्प।। (०२) योग  नहीं  संयोग  है, इसका   करें   प्रयोग । काया सबकी  पुष्ट हो, मिट  जाये  सब रोग ।। (०३) रोज – रोज  के योग से, काया  हो  मजबूत । रोग – दोष  सब  दूर हों, कहते  […]

बम फोड़ा है

-गंगा सिंह रावत, हल्द्वानी मोदी सरकार ने एक बार फिर बम फोड़ा है सिर्फ चार साल की नौकरी फिर निकाला है कुछ के अरमान धरे के धरे रह जायेंगे पसीना जो बहाया था उसकी कीमत कैसे पाएंगे बड़ी विकट है स्थिति उहापोह मे है युवा नेता की सुने या अफसर की माने अग्निपथ में चलना […]

पापा का वो लोरी सुनाना

-अंजलि, भवाली याद बहुत आता है पापा का, मुझे गोद में उठाना। पापा का वो उंगूली पकड़कर मुझे चलना सिखाना। मेरे गिरने से भी उन्हे दर्द, होता हैं पर ये ना जताना। शाम को मेरे लिए वो खट्टी, टोफीया लाना। याद बहुत आता है पापा का, मुझे गोद में उठाना। पापा का वो थक के […]

अपना बनाना चाहता हूं

-नीरज मिश्रा मै भी बिज़ी होना चाहता हूं। दिल में बहुत कुछ है सब बताना चाहता हूं। मै भी किसी के लिए बहुत खास होना चाहता हूं। मै भी किसी की ख्वाहिश बनना चाहता हूं। हा मै भी किसी को अपना बनाना चाहता हूं।।2।। मै भी किसी के सपनो में आना चाहता हूं। मै भी […]

गीतिका

-डॉ० श्रीमती गीता मिश्रा ‘गीत’, हल्द्वानी  बात जब भी करें,मन परस्पर मिले। आस की नव सुनहरी किरन तो मिले।। रातभर जब कठिन श्रम किया चाँद ने। पूर्णिमा चाँदनी की छटा तो मिले।। नील नभ में उमड़ घिर रही हो घटा। प्यास भू की मिटे धार जल तो मिले।। चंदनी-सी हवा जब बढ़ाए तपन। डाल पर […]

सर का ताज भी वही है

-डॉ.शबाना अंसारी, भीमताल घर का मुखिया भी वही है घर का राजा भी वही है जिसको हम वालिद कहते हैं सर का ताज भी वही है|| हमको दुनिया में लाने वाला भी वही है बेहतर जिंदगी देने वाला भी वही जिसको हम वालिद कहते हैं सर का ताज भी वही है|| बाप की बेलोस मोहब्बतों […]

पिता न धूप देखता है, न बरसात देखता है….

पितृ दिवस के उपलक्ष्य में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन हल्द्वानी। हरफनमौला साहित्यिक संस्था की ओर से फादर्स डे के उपलक्ष्य में जंगल फिएस्टा परिसर में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया। इस दौरान कविताओं के माध्यम से जीवन में पिता की भूमिका को बहुत भावुकता के साथ प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य […]

मन से द्वेष हटाइये, मन विचलित न होय…

नवरात्रि के उपलक्ष्य में प्राचीन शिव मंदिर में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन हल्द्वानी। हरफनमौला साहित्यिक संस्था की ओर से नवरात्रि के उपलक्ष्य में चांदनी चौक बल्यूटिया प्राचीन शिव मंदिर परिसर में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान दूर-दूर से आए कवियों ने अलग-अलग विधा में कविता सुनाकर विभिन्न रंग बिखेरे। कार्यक्रम […]