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शब्दोत्सव में बही शब्दों की सरिता

-सेंट लॉरेंस स्कूल एवं हरफनमौला साहित्यिक संस्था के संयुक्त तत्वावधान में शरद शब्दोत्सव का आयोजन -प्रसिद्ध हास्य कवि वेदप्रकाश अंकुर और कवयित्री डॉ. अंकिता चांदना को मिला शब्द सम्मान हल्द्वानी। सेंट लॉरेंस स्कूल एवं हरफनमौला साहित्यिक संस्था के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को शरद शब्दोत्सव का भव्य आयोजन किया। इस दौरान हल्द्वानी और उधमसिंह नगर […]

काश हम बच्चे हो जाएं फिर से

-डॉ. अंकिता चांदना, हल्द्वानी काश हम बच्चे हो जाएं फिर से वापस मां के आंचल में छिप जाएं फिर से कभी दादी मां की कहानियां दोहराएं फिर से कभी गुड्डा गुड़िया की शादी रचाएं फिर से काश हम……………. वापस लौट मां की गोद में सो जाएं फिर से हंसी ठिठोली, दोस्तों की टोली बनाएं फिर […]

जीवन पथ के सच्चे राही ,जीवन पथ पर बढ़ते जाना

-प्रेम सिंह  *जीवन पथ के सच्चे राही ,जीवन पथ पर बढ़ते जाना। * मात -पिता और गुरुजनों का, साथ निरंतर लेते जाना, जीवन है एक भूल भुलैया, लेकिन तुझको पार है जाना, मेहनत अपनी करते जाना, जीवन पथ के सच्चे राही , जीवन पथ पर बढ़ते जाना II, आशा और निराशा से तू , आशा […]

दून कान्वेंट के प्यारे-प्यारे बच्चे

-शशी जोशी, हिंदी शिक्षिका दून कान्वेंट स्कूल, हल्द्वानी हम दून कान्वेंट के प्यारे-प्यारे बच्चे हैं। हम दून कान्वेंट के नन्हें-मुन्ने बच्चे हैं। शैतानी करते हैं खूब, लेकिन दिल के सच्चे हैं। साफ-सफाई से रहने को मैम ने हमें सिखाया है। लड़ाई-झगड़ा बुरी आदत है, हमको ये समझाया है। हाथ धोकर खाना खाते, बच्चे वे ही […]

मंजू सिजवाली मेहरा को मिला डिजिटल सर्टिफिकेट

हरफनमौला वेबसाइट की अक्टूबर माह की प्रतियोगिता में रहीं विजयी हल्द्वानी। हरफनमौला वेबसाइट की ओर से अक्टूबर में आयोजित मासिक काव्य प्रतियोगिता में मंजू सिजवाली मेहरा की कविता ‘गांधी ज्यू तुम हमन कें करिया माफ…’ को 500 व्यूज मिले हैं। इस उपलक्ष्य में संस्था की ओर से उन्हें डिजिटल सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। हरफनमौला […]

जलता रहा मैं, रात पूरी पूरी

-डॉ. आभा सिंह भैसोड़ा जलता रहा मैं, रात पूरी पूरी , तम से रण,रोशनी की जीहजूरी । हर एक ,नकारे विचार पर रोक , खुशी से तादात्म्य ,दूर रहे शोक । देवीके आने का, पथ किया प्रशस्त, स्नेहतेल लबालब , पर था आश्वस्त लक्ष्मी के आगमन का, था बड़ा इंतजार, हर कोना उजला कर, हो […]

रोशनी फिर जगमग आई है

-प्रतिष्ठा पांडे अंधकार अब नष्ट हुआ रोशनी फिर जगमग आई है सुख और समृद्धि की बहार हर घर में छाई है बना कर दिए मिट्टी के गरीबों ने आस लगाई है मेरी मेहनत खरीदेंगे लोग सब ने आस सजाई है हजारों की लड़ियां लगाकर सबने शान बढ़ाई है पर गरीबों के दीयों की लो हमने […]

वे दिन भी क्या दिन थे

-प्रतिष्ठा पांडे,रूद्रपुर, उधमसिंह नगर वे दिन भी क्या दिन थे यह सोच सोच कर रोते हैं आए दिन स्कूल के सपने आते हैं जब हम सोते हैं दोस्तों के साथ मस्ती से जब हो जाती थी लड़ाई पर आजकल रगड़ कर धोनी पड़ती है कढ़ाई लंच टाइम में गोल घूम कर हम सब है जाते […]

चल तुझे

-पूजा नेगी (पाखी) चल तुझे दुनिया की रीत सीखाती हूँ। खोए हुए तुझे,तेरे वजूद से मिलाती हूँ। तू पकड़कर तो देख,दामन किसी का। छूटे हुए पीछे,अपनों के हाथ गिनाती हूँ। चल तुझे दुनिया की रीत सीखाती हूँ। मिटाकर देख खुद को,अपनों के लिए उठे हुए तुझ पर,कई सवाल गिनाती हूँ। तेरे-मेरे के द्वंद्व से,बाहर आकर […]

शक्ति का नाम ही नारी है

-कोमल भट्ट कोमल है, कमज़ोर नहीं तू, शक्ति का नाम ही नारी है… जीवन जग को देने वाली , मौत भी तुझसे हारी है | माना की मर्द ने किया बहुत कुछ पर तुझसे ही तो सब कुछ पाया है, जग- जननी का रूप है तू तू ही तो भगवान का साया है| कल्याणी है […]