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रामधारी सिंह दिनकर

-सुबोध कुमार शर्मा शेरकोटी, गदरपुर, ऊधमसिंह नगर दिनकर ने दिनकर सम, ज्ञानालोक को फैलाया कुरुक्षेत्र का सृजन कर, काव्य मर्म को समझाया।। अज्ञानान्धकार को तुमनें, ज्ञान प्रकाश से दूर किया। राष्ट्र कवि से सम्मानित हो, राष्ट्रीय काव्य का सृजन किया।। हम अर्पित करते श्रद्धा सुमन, शब्द पुष्प तुमको हैं अर्पित। साहित्यकाश मे रवि सम, निरख […]

फिर एक गुड़िया वहशी नजरों की हो गई शिकार

-बीना सजवाण, हल्द्वानी फिर एक गुड़िया वहशी नजरों की हो गई शिकार फिर देवभूमि समाज और इंसानियत हो गई शर्मसार एक अंकिता नहीं कितनी अंकिताओ को तड़पाया है फिर एक मां की सूनी कोख रोई एक पिता की आंखें शरमाई बहन की इस हालत पर एक भाई की आंखें लजाई कहते हम इसको ऋषि-मुनियों की […]

वह नर नही ,नर पशु है

-उम्मेद सिंह बजेठा वह नर नही ,नर पशु है, और मृतक समान। हिंदी राजभाषा लिपि, देवनागरी का प्रावधान। कर्ण प्रिय, मधुर सरल, समझने मै आसान। संस्कृत सब भाषाओं की जननी, चेतना श्रोत तमिल तेलगु की संगिनी, सूर कबीर,तुलसी मीरा ने, प्रभु का किया सदा गुणगान, जन जन तक पहुंचाकर, अमर हुए रसखान। शब्द कोष हिंदी […]

काली-स्याही

-मन्जू सिजवली महरा, हल्द्वानी जिसकी फटी हुई तस्वीर भी जलने में हिचक्ते थे ये हाथ। उसको अपने ही हाथों से सारा जला दिया। जिस कागज पर उसका नाम लिख जाता, उसी से मुहब्बत हो जाती थी। आज उसकी राख को भी पानी में बहा दिया। रत्ती भर नाराजगी देख हर बात मान जाता था। आज […]

हिन्दी भारत मां के माथे की बिंदी

-किरन पंत’वर्तिका’, हल्द्वानी उत्तराखंड निश्चय ही वन्दनीय है हिन्दी प्राणों में बसी हर श्वास है हिन्दी हिंदी भारत मां के माथे की बिंदी बड़ी सरल, सौम्य, सुंदर है हिन्दी। रमैनी,सबद, साखी, रहीम रत्नावली है हिन्दी महादेवी की यामा दिनकर की कुरुक्षेत्र है हिन्दी हिंदी भारत मां के माथे की बिंदी हर कवि लेखक की पुकार […]

अगर न होते हमारे देश के ये वीर जवान

-बिपाषा पौडियाल, हल्द्वानी “अगर न होते हमारे देश के ये वीर जवान, तो सोचो कैसा होता हमारा ये देश महान” अपनी जान की परवाह किये बिना सरहद पर सीना तान खड़े है देखो उन वीरों को जो हमारे देश के लिए दिन रात लडे है उनका भी तो है अपना घर- परिवार उनकी भी तो […]

घर-घर तिरंगा

-अमीशा रावत, निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी, ऋषिकेश अखबार के उस पन्ने पर छपा था एक ज्ञापन, घर-घर लगेंगे झंडे, हुई मैं तत्पर इस शुभ अवसर पर। पर क्या! देखा एक निर्बल जन को कहता जो, झंडा तो है मेरे पास पर घर तो हो रहने को विस्मित हो देखा मैंने उसके मुख को। सोचा […]

बीना सजवाण प्रथम, कमल सिंह द्वितीय और अंजलि तृतीय स्थान पर

हरफनमौला वेबसाइट का जुलाई माह का रिजल्ट घोषित हल्द्वानी। हरफनमौला वेबसाइट की ओर से जुलाई में आयोजित मासिक काव्य प्रतियोगिता की हल्द्वानी की बीना सजवाण विजेता बनी हैं। इसके साथ ही हल्द्वानी के कमल सिंह ने द्वितीय और भवाली से अंजलि ने तृतीय स्थान प्राप्त किया है। हरफनमौला साहित्यिक संस्था की ओर से साहित्य को […]