-पूजा नेगी (पाखी) फिर से एक माँ की तपस्या, बेकार हो गई। आज फिर देवभूमि से मेरी, इंसानियत शर्मसार हो गई। एक बार नही,बार-बार ये मंजर दोहराता है, क्योंकि यहाँ की सरकार,बेकार हो गई। कोई दण्ड नही,आरोपी को सुरक्षा दी जाती है। यहाँ की कचहरी जैसे,आरोपी की तारणहार हो गई। फिर से एक माँ की […]