-गंगा सिंह रावत, हल्द्वानी मन में उथल पुथल बहुत है हर कोने में छाई उदासी है बाहर-अंदर एक-सी हलचल है कहने को तन्हाई है। एक हरेला मन में उगा लूँ उजास भीतर ही पा लूँ हुए जिससे दूर बहुत दूर उस प्रकृति को ह्रदय में बसा लूँ।।
-गंगा सिंह रावत, हल्द्वानी मन में उथल पुथल बहुत है हर कोने में छाई उदासी है बाहर-अंदर एक-सी हलचल है कहने को तन्हाई है। एक हरेला मन में उगा लूँ उजास भीतर ही पा लूँ हुए जिससे दूर बहुत दूर उस प्रकृति को ह्रदय में बसा लूँ।।
-बीना सजवाण, हल्द्वानी हरेला पर्व की इस पावन बेला पर, अपनी संस्कृति आगे बढ़ाएं, पेड़ लगाए प्रकृति बचाएं, हरेला पर्व को यादगार बनाएं।। चारों धर्म की हो एक ही कहानी, भारत में फैलाए हरियाली, सबकी हो यही शिक्षा, प्रकृति की करनी है रक्षा।। हर मंदिर में बैठे यही प्रसाद, पेड़ पौधे और खाद। हर मस्जिद […]