पिता है चमकती धूप में ठंडी छांव का साया, जिसने समाज के बीच हमें चलना सिखाया। यह है वो वृक्ष, जिसने हर मौसम है झेला, फिर भी हमें, ताजा-मीठा फल पहुंचाया। जिसने बाहर चुप रहकर कठिन परीक्षा दी, फिर भी घर हंसता चेहरा लेकर वापस आया। स्वयं तो चैन की सांस भी ना ली, फिर […]