Tag: haldwani

धूप में ठंडी छांव का साया पिता

पिता है चमकती धूप में ठंडी छांव का साया, जिसने समाज के बीच हमें चलना सिखाया। यह है वो वृक्ष, जिसने हर मौसम है झेला, फिर भी हमें, ताजा-मीठा फल पहुंचाया। जिसने बाहर चुप रहकर कठिन परीक्षा दी, फिर भी घर हंसता चेहरा लेकर वापस आया। स्वयं तो चैन की सांस भी ना ली, फिर […]

सबसे प्यारे हो तुम पापा

पापा पापा ओ मेरे पापा, सबसे प्यारे हो तुम पापा। छोटी थी, जब मैं दुनिया में आई, पापा पापा ओ मेरे पापा, गोद में लिया था तुमने पापा। तब से बन गई थी, मैं पापा की नन्ही परी। -द्वियांशी बिष्ट, मास्टर्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल हल्द्वानी

मुश्किलों का डटकर सामना करना सिखाते पिता

मां की ममता जीवन भर परछाई की तरह साथ देती है, परंतु पिता की डांट उनसे दूर जाने पर भी साथ देती है। यों तो पिता हर मुश्किल में, हमारे साथ रहते हैं। परंतु मुश्किलों का डटकर सामना कैसे हो ये भी वही सिखाते हैं। हमारी तरक्की पर कोई खुश हो न हो पर पिता […]

पिता से बढ़कर दुनिया में कोई ना महान

मेरे पिता मेरी पहचान हैं, जिन्होंने दिया मुझको अपना नाम हैं। पिता से बढ़कर दुनिया में कोई ना महान हैं। पिता है तो रोटी,कपड़ा,मकान हैं, बिना उसके रहना दुनिया में ना आसान हैं। ऊँगली पकड़कर चलना जिसने सिखाया है वह पिता ही हैं जिसने मुझे मेरा मार्गदर्शन करवाया हैं। मेरे सारे दुखो और कष्टों का […]

मेरा सम्मान है पिता

मेरा साहस, मेरी इज्जत, मेरा सम्मान है पिता। मेरी ताकत, मेरी पूंजी, मेरा अहसास है पिता। घर के एक-एक ईंट में शामिल उनका खून पसीना। सारे घर की रौनक सारे घर की शान है पिता। मेरी इज्जत, मेरी शान, मेरा रूतबा, मेरा मान है पिता। सारे रिश्ते उनके दम से, सारे नाते उनसे हैं। सारे […]

पापा मेरे सबसे प्यारे

हैं पापा मेरे सबसे प्यारे, पूरे करते अरमान हमारे। हैं वो सबके आंखों के लाल, उन्हें देखे बिना नहीं होती, दिन की शुरूआत। दोस्ती उनकी इतनी गहरी, उनके लिए प्राण की बाजी मारी। दोस्तों के बीच…. आठ-दस दिन घर से नाता तोड़े, जब पैसा खत्म हुआ तो घर को छोड़े। हर गम को खुशी में […]

पापा के लिए हूं मैं एक नायाब मोती

मैं हूं जैसे एक ओस की बंद घास पर, पर मेरे पापा के लिए हूं मैं एक नायाब मोती। जैसे वृक्ष के सहारे बढ़ती है एक बेल, ठीक वैसे ही बढ़ाया है मेरे पापा ने मुझे। कठिनाइयों की आंधी में ढाल बन, सदैव खड़े रहे हैं मेरे पास। स्वयं को आग में जला विशिष्टता, के […]

थपकी देकर सुला दो ना पापा

शाम हो गई अब तो घुमने चलो ना पापा, चलते-चलते थक गई अब तो कंधों पर बिठा लो ना पापा। अंधेरे से डर लगता है सीने से लगा लो ना पापा, मम्मा तो सो गई आप ही थपकी देकर सुला दो ना पापा। स्कूल तो पूरा हो गया, अब काॅलेज जाने दो ना पापा। पाल […]

बाबा, सच कहते थे तुम

बाबा, सच कहते थे तुम भरोसा मत करना किसी पर भी जो दिखे वो झूठ जो ना दिखे वो सच्चाई है, ये वो दौर है दुनिया का , जहाँ मतलब तक ही मतलब रहे तो इसी में सबकी भलाई है। बाबा तुम्हारी बेटी ने बस तुम्हारी सीख अपनाई है , आज तुम साथ नहीं तो […]

मेरे पिता, मेरी परछाई

मेरी परछाई हैं मेरे पिता हर सुख-दुख के साथी हैं पिता। तपती धूप में जलते हैं पिता, तब हमें सुख में रखते हैं पिता। हर फर्ज अपना निभाते हैं पिता, जीवन का हर कर्ज चुकाते हैं पिता। मेरी हर जरूरतों का ध्यान रखते हैं पिता, पर क्यों अपना ध्यान नहीं रखते हैं पिता। मेरी इज्जत, […]