है कौन बसा पल पल में ? घन तिमिर सहज मिट जाता कौन दीप्त है दीपों की झलमल में? धुन किसकी गुंजित उपवन में. बोल किसके अलि गजल में? चपला बन ये कौन थिरकता घहराते बदल में? अमृत रस से सींचे जग को कौन घुला है जल में? उष्नित करता जड़ चेतन को कौन दहकता […]
है कौन बसा पल पल में ? घन तिमिर सहज मिट जाता कौन दीप्त है दीपों की झलमल में? धुन किसकी गुंजित उपवन में. बोल किसके अलि गजल में? चपला बन ये कौन थिरकता घहराते बदल में? अमृत रस से सींचे जग को कौन घुला है जल में? उष्नित करता जड़ चेतन को कौन दहकता […]
इससे, उससे आंख मिलाना, ताक झांक कर गाने गाना, घर वाली पर रौब जमाना, अब छोड़ो भी इसकी, उसकी चुगली खाना बेईमानों का साथ निभाना फंस जाने पर सिर खुजलाना, अब छोड़ों भी कद्दू लौकी के भाव बढ़ाना हां जी हां जी झपताल बजाना चौराहे पे,शाम को जाना, अब छोड़ो भी। मैली गंदी टोपी लाना […]
नाम – कु. लोकेष्णा मिश्रा पिता का नाम – श्री ओमप्रकाश मिश्र माता का नाम – स्व. श्रीमती प्रेमा मिश्रा शिक्षा – एम. ए.( अर्थशास्त्र ,समाजशास्त्र ,शिक्षाशास्त्र) हिन्दी में अध्ययनरत बी. एड. शिक्षण अनुभव – नवोदय विद्यालय कोटाबाग ( स्यात ), बी. एड. कॉलेज जय अरिहंत हल्दूचौड़ हल्द्वानी लेखन-कार्य – 2011 से प्रतियोगिता दर्पण में निबंध चयनित […]