मै हूँ जैसे एक ओस की बूँद घास पर पर मेरे पापा के लिये हूँ मै एक नायाब मोती जैसे वृक्ष के सहारे बढती है एक बेल ठीक वैसे ही बढाय़ा है मेरे पापा ने मुझे कठिनाईय़ो की ऑधी मे ढाल बन सदैव खडे रहे है मेरे पास । स्वयं को आग में जला विशिष्ठता […]
मै हूँ जैसे एक ओस की बूँद घास पर पर मेरे पापा के लिये हूँ मै एक नायाब मोती जैसे वृक्ष के सहारे बढती है एक बेल ठीक वैसे ही बढाय़ा है मेरे पापा ने मुझे कठिनाईय़ो की ऑधी मे ढाल बन सदैव खडे रहे है मेरे पास । स्वयं को आग में जला विशिष्ठता […]
मैं इतनी अच्छी तो नहीं पर करोड़ों में एक है मेरी मां, मेरी गलतियों की फीकी चाय को पीने वाली है मेरी मां मेरी कमियों के बिखरे रंगों को इंद्रधनुष कहने वाली है मेरी मां मेरी नाकामियों के धुएं को हौसलों के अंगार में बदलने वाली है मेरी मां, मेरे आंसुओं के नमकीन पानी को […]
सुहानी धूप आयी है सहेजे खुशियां लायी है हंसी रंगीन गुलाबी मौसम में, सखि ! यह फाग आया है महकती सुन्दर वादी हैं ह्रदय में हलचल जारी है कहीं सुन्दर सलोने रूप में, कोई दिल को चुराता है सुहानी धूप आयी है सहेजे खुशियां लायी है तन में छा रही मादकता है यह संकेत होली […]
लाया है संदेश फाल्गुन सुहाना, अनपूरे सपनों को प्रिये भूल जाना। – सुमधुर मिलन लेके आता है ये दिन, स्वागत मे रखना ,अबीर और चंदन, इस पावन वेला मे वेसुध न रहना, धूंधट मे धुट धुट के आहें न भरना। हँसती उमंगों का दिल ना दुखाना, अनपूरे सपनों को प्रिये भूल जाना लाया है…………. रंग […]
त्योहारों का मेरा देश है, उनमे से इक होली है। तश्तरियों में भरा गुलाल, नीला पीला हरा लाल, साथ में देवर भाभी जी की प्यारी हंसी ठिठोली है। त्योहारों का मेरा देश है, उनमे से इक होली है । खूब मनाते गीत हैं गाते, मिलते जुलते आते जाते, जल का रंग भी बदला बदला, इक दूजे […]
बैकग्राउंड से आवाज आती है। —————– बिजली कड़क रही थी, घनघोर बारिश हो रही थी। चारों ओर तूफान आया था। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद से अधिकतर कहानी के नायकों का जन्म ऐसे ही माहौल में होने लगा है। लेकिन हमारी कहानी के नायक चमन का जन्म साधारण तरीके से हुआ। नार्मल डिलीवरी। बस […]
धरा गगन के प्यार दुलार की अनूठी ये मिशाल. भारत माँ ने पाया उत्तराखंड सरीखा लाल. भेजा है गिरिराज ने संदेशा बधाई का . लेकर आया है जिसे चंचल झोंका पुरवाई का. रुनक झुनक सुर सरिता नाचे दे दे लहरों की ताल. भारत माँ ने….सरीखा लाल रत्नाकर ने भेजा है सुंदर रत्नों का हार. दिग्बधुऐं […]
वाउचर-दर-वाउचर मिलाया जाता है, भूल सुधार को सिर खपाया जाता है। चार नहीं छ:- सात तक काम होता हैं, उदास मन ही अन्त में घर पहुँचाता हैं। तब काउंटर का तापमान गरमा जाता है, जब कैश दराज में कैश गड़बड़ा जाता है। मुन्नी की गुड़िया, मुन्ने का खिलौना, कैंशल हो जाता है बाहर खाना खाना। […]
तेल के महंगे होने पर भूखे बच्चों के रोने पर पत्नी का सोया क्रोध भड़का पति से बोली- काहे का लगाऊं तड़का पति ने दिमाग चलाया और समस्या का हल सुझाया गर्म कढ़ाई में पानी डाल भागवान उसी को सच्चा तड़का मान भागवान सुन पत्नी बौखलाई पति को लाल लाल आँखें दिखाई गैस महंगी है […]
घर-आँगन का मैल हटाए, मन का तम भी टिक ना पाये दीप ज्योति से होकर उज्वल, जीवन सबके खिलते जाए सत्य शिरोमणि यथा योग्य, सब जन का आभार जताए ज्ञान-ध्यान का दीपक जल जाए, अबकी बार दिवाली में भूले-भटके रिश्ते जुड़ जाए, मन की गाँठे सब खुल जाए क्षमा सबकी गलतियाँ करके, अपनी भूलों पर […]