मेरे प्यारे प्यारे पापा मेरे दिल में रहते पापा मेरी छोटी सी खुशी के लिए सब कुछ सह जाते पापा पूरी करते हर मेरी इच्छा मेरी पहचान हंै मेरे पापा मेरी हर खुशी हैं मेरे पापा -तानिया कन्याल, हल्द्वानी
मेरे प्यारे प्यारे पापा मेरे दिल में रहते पापा मेरी छोटी सी खुशी के लिए सब कुछ सह जाते पापा पूरी करते हर मेरी इच्छा मेरी पहचान हंै मेरे पापा मेरी हर खुशी हैं मेरे पापा -तानिया कन्याल, हल्द्वानी
कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता कभी धरती तो कभी आसमान है पिता जन्म दिया है अगर मां ने जानेगा जिससे जग वो पहचान है पिता कभी कंधे पे बिठाकर मेला दिखाता है पिता कभी बनके घोड़ा घुमाता है पिता मां अगर पैरों पे चलना सिखाती है तो पैरों पे खड़ा होना सिखाता है […]
ओढ़े सफेद चुनरी फिर से मैं आंगन में आ बैठी हूं। अब तो बरसों मेघा प्यारे, मैं खुद को सजाकर बैठी हूं। एक बंूद तुम्हारी कोरी सी, चुनरी को फिर से रंग देगी। सूखी नदियां से जीवन में फिर से अविरल जल भर देगी। कुछ शर्त लगी है ख्याबों से मैं फिर इतराकर बैठी हूं। […]
वर्षा आयी, वर्षा आयी, सबके जीवन में शीतलता लायी। तपती धरती फिर मुस्कायी, चारों ओर हरियाली छायी। क्यों वर्षा कम होती, नमी धरती में जब कम होती, तब वर्षा समय पर नहीं होती। वर्षा अगर चाहते हो, तो क्यों प्रकृति से, छेड़छाड़ करते हो। ईश्वर द्वारा प्रकृति मानव के लिए एक उपहार है। फिर मानव […]
वर्षा रानी, वर्षा रानी सब ऋतुओं में हो तुम सुहानी। वर्षा का जब मौसम आया, चारों ओर हरियाली लाया। आसमान में सात रंगों का, इंद्रधनुष है बन आया। इंद्रधनुष के सप्त रंगों ने, बच्चों के मन को भाया। पशु-पक्षी, मानव धरती, सब ने ही आनंद उठाया। काले-काले मेध बरसते, धरती का रंग होता धानी। भर […]
बारिश का मौसम आया है, मन में ताजगी लाया है। सब तरफ है हरियाली, बगिया में खिली है फुलवारी। नदियां भी मस्ती में झूमें, पेड़ भी आसमान चूमंे। लगता सब कुछ नया-नया, बारिश का मौसम आया है। प्रकृति का है यह बड़ा उपहार, जो देता है खुशियां अपार। इस उपहार को हमें है संभालना, पल-पल […]
तुम थे सावन और मैं नन्हीं बदरी तुम गरजते और मेघ ले आते मैं सहमी सी अपलक तुम्हें निहारती तुम रिमझिम बरस जाते और मैं अपने अंदर किणमिण करती बूंदों को छिपा लेती क्योंकि तुम्हारे सामने उनकी कोई बिसात न थी जब तुम्हारी गर्जन तर्जन समाप्त हो जाती तो तुम चल देते मैं स्वयं को […]
सफर दर सफर चलते रहे दिन ढ़ला मौसम भी बदलते रहे नकाब कोई पहने, नकाब हो जाए दिन हर दिन मोम की तरह सांचों में ढ़लते रहे! वक्त वक्त की बात कभी धूप कभी बरसात दुख सुख रहता है साथ साथ सर्द हवा ने थामा हाथ कभी कभी अंगारों से पैर जलते रहे सफर दर […]
बरसे मेघ धरा पर ऐसे , जैसे झूमे तुम और मैं । बूँद ने चूमा धरती को ऐसे, जैसे चूमे तुम और मैं । किसी बूँद ने सागर देखा, किसी बूँद ने प्यासे को। किसी बूँद ने आकर देखा, तेरे आँखों के काजल को। बिजली कड़क रही है देखो, आओ झूमे तुम और मैं। पहली […]
आज बारिश की कुछ बूंदों के साथ मेरा मन भी बरस रहा है, मिल गयी हैं अब बूंदे भी मिट्टी से अब मेरा मन भी तरस रहा है। और लो वो वहाँ से बादल ने भी किया इशारा है, एक मुसाफिर चला आ रहा है , देखो सखी वही प्रियतम तुम्हारा है। दौड़ कर उस […]