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सर्दी का मौसम

-अंजलि, हल्द्वानी सर्दी का मौसम उनके लिए सुहाना है। जिनके पास रहने को, आशियाना है। उनसे पूछो जिनका, कोई ना ठिकाना है। अगेठी भी सुलभ नहीं, उन्हें सड़क किनारे बस, यूहीं ही सो जाना है। घरों से निकलो बहार, उन्हें भी कम्बल, उपलब्ध करना है। सर्दी का मौसम, उनके लिए सुहाना है। जिनके पास रहने […]

उत्तरायणी का त्यौहार

Anjali haldwani Nainital, Uttarakhand आया उत्तरायणी त्यौहार निराला हर घर में बनाई घुघूते कि माला गुड़,तिल, आटे,सूजी से मम्मी ने बनाये पकवान। सबके चेहरो पर आ गई मुस्कान आया उत्तरायणी का त्यौहार। पापा लाए संतरे तीन-चार। कौवा का रंग काला। मम्मी ने बनाई घुघूते कि माला। पहले कौवे को खिलाएगे, फिर हम सब भी खाएगे, […]

पापा की लाडली

-अंजलि, हल्द्वानी पापा की लाडली हूँ उन्हे पहचानती हूँ, पापा तो कम ही बोलते हैं उन्हें जानती हूँ। पापा की लाडली हूँ, आदतें पहचानती हूँ। पापा यू तो कम ही बोलते हैं जानती हूँ। लेकिन राज जब दिल के खोलते हैं, तो उनके आँखो के आसू बोलते हैं। पापा की लाडली हूँ उन्हे पहचानती हूँ। […]

माँ के गर्भ में बेटी की पुकार

-अंजलि, हल्द्वानी माँ तेरी एक एक हँसी से में भी खुश होती हूँ । तू रोती है तो मैं भी रोती हूँ । तू कितनी प्यारी है माँ कब तू अपने हाथों में पकड़े मुझे ये सोच कर खुश होती हूँ । माँ तेरी एक एक हँसी से में भी खुश होती हूँ । तू […]

फूल

-हरिपाल, राकउप्रा विद्यालय लामाचैड़ मंदिर में चढ़ाए जाते, पूजा इनसे होती है। बिना बात के तोड़े जाते, कलियां इनकी रोती हैं। पौधों पर ये लगे हुए हैं, सबके मन को भाते हैं। घर की शोभा बनी रहे, गार्डन सभी लगाते हैं। तितली इनमें मंडराती है, छाई इनसे लाली है। हरे-हरे पत्तों से देखों, दिखती सदा […]

मेरे पति मेरा प्यार

-अंजलि, हल्द्वानी दिन भर मेहनत करके शाम को घर आते है वो। मेरी एक मुस्कान पे फिदा हो जाते है वो। जैसे कि थके ही नहीं होगें मुझे एहसास दिलाते हैं वो। मैं जब उनकी हथेलियों को देखती हूँ छाले पड़े हैं। तो बोलते हैं कुछ नहीं और अपनी हथेलियों को छुपाते हैं वो। फिर […]

खग गीत गूंजे आकाश

-उर्वशी भट्ट,  बसंत विहार हल्द्वानी सुबह सलोनी आज की, रवि किरण अलग है आज। पवन पसारे पंख उड़े, खग गीत गूंजे आकाश।। पत्र सुर सम सारंगी , प्रेम सुगंध साजे संसार। बाल हिय हासैं लगे, है चित प्रफुल्लित आज।।

हंस-हंस के कह गए वो ‘अलविदा’

-श्री देवकी नंदन भट्ट ‘ मयंक ‘, तीनपानी बरेली रोड (हल्द्वानी ) 1. वो वीर थे ,महावीर थे, परमवीर देश के| जो हो गए शहीद ,थे सपूत देश के | जो हो गए बलिदान, देश पर हुए फिदा | जाते हुए हंस-हंस -के कह गए वो ‘अलविदा’||3 2. जो दुश्मनों के दांत खट्टे कर चले […]

बेटी का प्यार

-अंजलि, हल्द्वानी काश माॅ मै तितली होती। आजादी से घूमती रहती सुभह- सुभह माॅ मैं उड़ जाती। फूलों से रंग चुराके लाती बन जाती तेरे होटों की खुशी। काश माॅ मैं तितली होती रंग बिरंगे फूलों से मैं सिंगार तुम्हारा करती माॅ। तुमको हमेशा हँसाती मैं रूलाती कभी ना। काश माॅ मैं तितली होती हवा […]

मेरा परिवार

-मनीष पाठक, हल्द्वानी मेरा परिवार हैं मुझे सबसे प्यारा, जिसके बिना हैं पूरा संसार न्यारा। जिस पर हो परिवार का सहारा, वो हर किसी को होता हैं प्यारा। परिवार ही सबकुछ,परिवार ही सम्मान हैं। बिना परिवार के मिलता हर किसी को अपमान हैं। परिवार ही भक्ति,परिवार ही शक्ति बिना परिवार के ना हो पाती किसी […]