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गुरु-महिमा

– अमीशा रावत 1)गुरु गीता की वाणी है, गायी गयी थी जो समरधरा में; गुरु मधुकर का रस है, जो नन्हे भौंरे का आसरा है; गुरु वसंत का सुहावना मौसम है, जो मदनकलियों का सहारा है। 2)दूर करे जो अज्ञान का साया, गुरु ज्ञान का है वो जगमगाता दीपक; गुरु केशव का पांचजन्य, जो विजयतरंग […]