Tag: dr. ankita chandna

काश हम बच्चे हो जाएं फिर से

-डॉ. अंकिता चांदना, हल्द्वानी काश हम बच्चे हो जाएं फिर से वापस मां के आंचल में छिप जाएं फिर से कभी दादी मां की कहानियां दोहराएं फिर से कभी गुड्डा गुड़िया की शादी रचाएं फिर से काश हम……………. वापस लौट मां की गोद में सो जाएं फिर से हंसी ठिठोली, दोस्तों की टोली बनाएं फिर […]

नारी की परिभाषा

-डॉ. अंकिता चांदना शर्मा, हल्द्वानी सरस्वती, लक्ष्मी, दुर्गा, काली भी बन जाती है मनमोहिनी, चंचला, ममता की सरिता ये बहाती है। तोड़ के जब सारे बंधन, पंख ये फैलाती है। आसमान की ऊंची बुलंदियों को ये छू जाती है। इसकी वाणी में है कतार, जिसका कोई तोड़ नहीं नारी की शक्ति को ना ललकारो, इस […]

धूप में ठंडी छांव का साया पिता

पिता है चमकती धूप में ठंडी छांव का साया, जिसने समाज के बीच हमें चलना सिखाया। यह है वो वृक्ष, जिसने हर मौसम है झेला, फिर भी हमें, ताजा-मीठा फल पहुंचाया। जिसने बाहर चुप रहकर कठिन परीक्षा दी, फिर भी घर हंसता चेहरा लेकर वापस आया। स्वयं तो चैन की सांस भी ना ली, फिर […]