Tag: dr. abha bhaisoda

जलता रहा मैं, रात पूरी पूरी

-डॉ. आभा सिंह भैसोड़ा जलता रहा मैं, रात पूरी पूरी , तम से रण,रोशनी की जीहजूरी । हर एक ,नकारे विचार पर रोक , खुशी से तादात्म्य ,दूर रहे शोक । देवीके आने का, पथ किया प्रशस्त, स्नेहतेल लबालब , पर था आश्वस्त लक्ष्मी के आगमन का, था बड़ा इंतजार, हर कोना उजला कर, हो […]

कितना अकेला

कितना अकेला अकेले अकेले चला आया मदमस्त हो कर बिंदास फर्क नहीं कौन आस पास अकेला कूदता फांदता जाने कितने रोड़े , पहाड़ों को लांघता फिर आया एक शिखर पर चांदी सी ले धार वहीं से निखर गया निर्मल शीतल जल को लेकर ऊंचाई से सहसा छलक पड़ा हूं। एक धवल चादर सा तान प्रकृति […]