-डॉ. आभा सिंह भैसोड़ा जलता रहा मैं, रात पूरी पूरी , तम से रण,रोशनी की जीहजूरी । हर एक ,नकारे विचार पर रोक , खुशी से तादात्म्य ,दूर रहे शोक । देवीके आने का, पथ किया प्रशस्त, स्नेहतेल लबालब , पर था आश्वस्त लक्ष्मी के आगमन का, था बड़ा इंतजार, हर कोना उजला कर, हो […]