शाम होते थके घर आते हैं, फिर थोड़े देर कीचन में मां का हाथ बढ़ाते हैं। यूं कहने को तो ,दुख: बहुत है उन पे, लेकिन हमारे दुख दूर करते करते ,वे अपने ग़म भूल जाते हैं। बचपन से आज तक मेहनत करते देखा है उनको, लेकिन हमारी ख्वाहिश पूरी करते करते वे अपनी जरूरतें […]