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आपबीती बातें बच्चे मंच पर लायें तो बचेंगे

-शैल्जा चौधरी, शिक्षकप्रशिक्षक, दिल्ली “ऐसी बातें घर की चार-दिवारी के अन्दर ही रहनी चाहिये।” इसवाक्य में निहित बहु अर्थी परतों को खोलने की जरूरत है.समाज की नज़रों मेंबच्चों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और शोषण की बातें अगर घर या स्कूल की चारदीवारी में ही रहे तो अच्छा हैं. येसी सोच हमारी रही है. ताकि न […]

माँ की बिंदी 

अक्टूबर महीने मुझे तुझ से हमदर्दी तो बिल्कुल नहीं, ना दिल लगी, तू पल पल हर दिन, हर क्षण बस वो लम्हे याद दिलाता है. माँ की आंसू पल भर भी ना थमते, तू ले गया तीज़ त्योहार और रंग इस माह के, मेरी माँ की बिंदी के, अपने मन की व्यथा वो सपना कह […]