Tag: corona per kavita

वे दिन भी क्या दिन थे

-प्रतिष्ठा पांडे,रूद्रपुर, उधमसिंह नगर वे दिन भी क्या दिन थे यह सोच सोच कर रोते हैं आए दिन स्कूल के सपने आते हैं जब हम सोते हैं दोस्तों के साथ मस्ती से जब हो जाती थी लड़ाई पर आजकल रगड़ कर धोनी पड़ती है कढ़ाई लंच टाइम में गोल घूम कर हम सब है जाते […]

कोरोना

मंदिर मस्जिद बनवाने के लिए लड़ रहे थे जो कल तक अस्पतालों की कीमत जो आज तुमने है सिखलाया, तुमने यह क्या कर दिखलाया होते थे नतमस्तक जो सिर्फ मौलियो और पंडितो के आगे डॉक्टर नर्सेज और सेवाभावीयो के आगे शीश तुमने है झुक्वाया कोरोना तुमने ये क्या कर दिखलाया । -रतिका, holy trinity secondary […]