Tag: bachchon ki kavitayan

क्यों बचपन गुमशुदा है

-कविता अग्निहोत्री, रूद्रपुर क्यों बचपन गुमशुदा है, कुछ मासूमों को सर्दी में दिन की चिंता है। और गर्मी में हवा की, वो चोट खाकर भी जी लेंगे, पर कमी है दवा की। माथे पर रेखा दिख रही चिंता की, क्यों बचकानी हरकतें जुदा हैं। इतनी भी उम्र नहीं हुई, बस बचपन गुमशुदा है। उड़ती चिड़िया […]

हाय कोरोना

-बिपाषा पौडियाल, बीएलएम एकेडमी हल्द्वानी जब कहीं जाने का हो विचार संभल के रहना मेरे यार क्योंकि कोरोना ने किया है बड़ा अत्याचार चारों ओर मचा है हाहाकार क्योंकि कोरोना के साथ महंगाई ने भी मचा रखी है हाहाकार बचत ने कर दिया है बेड़ा पार महंगाई ने भी दिया है स्वर्ग को नर्क गरीबों […]