Tag: archana mishra

स्त्री

हमेशा मुस्कुराऊं , कोई खिलौना तो नहीं। हमेशा प्यार से बोलूं , कोई कॉलर टोन तो नही। कभी जिद न करूं, बचपना अभी मरा तो नहीं। हमेशा वक्त की पाबंद रहूं, घड़ी का अलार्म तो नहीं। कोई कमी न हो , मैं कोई खुदा तो नहीं। तुमसे आकर शिकायतें करूं, मैं तुमसे जुदा तो नहीं। […]

मन हरण घनाछरी

ना समझो बेटी भार, है ये सृष्टि का आधार, देके शिक्षा हथियार , जीवन बचा इ ये। खुशियों के  भरो रंग, दीजिए नई तरंग, पढ़ा इन्हे बेटों सम, गौरव दिलाइए। मानो ना इन्हें पराई, लोगों से करो लड़ाई, सुन लो पुकार अब, रीत ये चलाइए। जिनके हैं मन काले, नारी बस देह लागे, ऐसे दुराचारी […]