अनुशासन की चाबुक पापा अंदर से हैं भावुक पापा गर्मी की तपती धूप में छांव जैसे पापा शहरों की उंची इमारतों में गांव जैसे पापा मेरे बचपन की जिम्मेदारी दौड़म दौड़ निभाते पापा कपड़ा लत्ता कापी बस्ता बड़ी याद से लाते पापा अपनी चिंता की कोठरिया में सारा घर समाते पापा। कैसे करनी सबके मन […]