Tag: Anurag kabdwal

शहरों की उंची इमारतों में गांव जैसे पापा

अनुशासन की चाबुक पापा अंदर से हैं भावुक पापा गर्मी की तपती धूप में छांव जैसे पापा शहरों की उंची इमारतों में गांव जैसे पापा मेरे बचपन की जिम्मेदारी दौड़म दौड़ निभाते पापा कपड़ा लत्ता कापी बस्ता बड़ी याद से लाते पापा अपनी चिंता की कोठरिया में सारा घर समाते पापा। कैसे करनी सबके मन […]