Tag: Anjali haldwani

पापा का वो लोरी सुनाना

-अंजलि, भवाली याद बहुत आता है पापा का, मुझे गोद में उठाना। पापा का वो उंगूली पकड़कर मुझे चलना सिखाना। मेरे गिरने से भी उन्हे दर्द, होता हैं पर ये ना जताना। शाम को मेरे लिए वो खट्टी, टोफीया लाना। याद बहुत आता है पापा का, मुझे गोद में उठाना। पापा का वो थक के […]

उनके बोलने का अंदाज निराला है

Anjali, haldwani सूरज सा तेज है, उनमें। कृष्ण की बांसुरी की धुन जैसी उनकी मुस्कान है। आंखों पर उनके चश्मा शान्त उनका स्वभाव है। सर्वश्रेष्ठ कवि हैं वो। गौरव त्रिपाठी सर उनका नाम हैं उनके बोलने का अंदाज, निराला है। ग्रे और ब्लू कलर उनको भाता है । उनका शान्त स्वभाव सबको, अपना बनाता है। […]

मैं और मेरी तन्हाई

Anjali hldwani मैं और मेरी तन्हाई मैं और मेरी तन्हाई दूर तक, निकल जाया करते थे। और कहीं पेड़ के नीचे, बैठ के बाते किया करते थे। मैं तन्हाई से बोला करती थी, ये दुनिया बड़ी मतलबी हैं। बिना मतलब के दोस्त, रिश्तेदार कोई बात नहीं, करते या याद नहीं करते। और मेरी तन्हाई बोलती […]

ना जाने कियू

-अंजलि, हल्द्वानी ना जाने बेटियों को कियू सही से उठो बेठो समझाया जाता है। सही से कपड़े पहनो और डुब्बटा डालो बताया जाता है। दर्द सहने का तो मानो सारा हिसाब बताया जाता है। 5 दिन का दर्द सहती है वो डरी-डरी रहती हैं फिर भी उसे सब कारणों की वजह बताया जाता है। 17 […]