Tag: Anjali bhowali

बेटी का प्यार

-अंजलि, भवाली काश माँ मैं तितली होती, आजादी से घूमती रहती। सुबह-सुबह माँ मैं उड़ जाती फूलों से रंग चुरा के लाती। बन जाती तेरे होठों की खुशी, काश माँ मैं तितली होती। रंग बिरंगे फूलों से मैं श्रिंगार तुम्हरा करती माँ। तुमको हमेशा हँसाती में, रूलाती कभी ना। काश माँ मैं तितली होती, हवा […]

पुष्पा जोशी प्रथम, बीना सजवाण द्वितीय और अंजलि तृतीय स्थान पर

हरफनमौला वेबसाइट का जून माह का रिजल्ट घोषित हल्द्वानी। हरफनमौला वेबसाइट की ओर से आयोजित मासिक काव्य प्रतियोगिता की शक्तिफार्म सितारगंज की पुष्पा जोशी प्रकाम्य विजेता रही हैं। इसके साथ ही हल्द्वानी की बीना सजवाण द्वितीय और भवाली से अंजलि ने तृतीय स्थान प्राप्त किया है। हरफनमौला साहित्यिक संस्था की ओर से साहित्य को बढ़ावा […]

धरती माँ

-अंजलि, हल्द्वानी माँ हूँ इसका मतलब ये, नहीं के सारे दर्द सहूंगी। तुम पेड़ो को काटते रहो और मे देखती रहूँगी। मुझे भी दर्द होता हैं में भी रोती हूँ। ना काटो पेड़ो को कहती हूँ चलने दो ठंडी हवाये। आंधी का रूप ना लेने दो, माँ हूँ इसका मतलब ये नही सारे दर्द सहूंगी। […]

पापा का वो लोरी सुनाना

-अंजलि, भवाली याद बहुत आता है पापा का, मुझे गोद में उठाना। पापा का वो उंगूली पकड़कर मुझे चलना सिखाना। मेरे गिरने से भी उन्हे दर्द, होता हैं पर ये ना जताना। शाम को मेरे लिए वो खट्टी, टोफीया लाना। याद बहुत आता है पापा का, मुझे गोद में उठाना। पापा का वो थक के […]