बेटे का दर्द, एक बेटी की जुबानी, कर दो तुम बेटा, बस इतनी सी मेहरबानी। कौन कहता कि दिल नहीं दुखता उनका बस आंसू ही तो नहीं निकलता जिनका। मन ही मन रोकर बांटे अपना गम, किंतु उनका गम नहीं किसी से कम। भाई, पिता, पति सब हैं हम परिवार की जान हम, हम ही […]
बेटे का दर्द, एक बेटी की जुबानी, कर दो तुम बेटा, बस इतनी सी मेहरबानी। कौन कहता कि दिल नहीं दुखता उनका बस आंसू ही तो नहीं निकलता जिनका। मन ही मन रोकर बांटे अपना गम, किंतु उनका गम नहीं किसी से कम। भाई, पिता, पति सब हैं हम परिवार की जान हम, हम ही […]