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बाब्,ठुल न भै-सबन हैं ठुल रूपैं

दगड़ूवल् कौ म्यर क्वे भै (भाई) न्हाँतन्, मैंन कौ तुम को किस्माक् भाईक बात करनाहा, दगड़ू हँसौ और बुलाणौ- अरे म्यर मल्लब जसिक रामक् भाई लछिमण, युधिष्ठिरक भाई अर्जुन, भीम। मैंन कौ- भौत बढिया छ तुमर क्वे भाई न्हाँतन, अच्याल कलियुग में यास भाई हुनी काँ? अगर यास भाई हुनी लै त नान्छनाईं कुम्भक म्याव् […]