Tag: almora

हिंदी से हिंदुत्व है

-चंपा बिष्ट, च्यूनी ( खीला), भतरोंजखान ( अल्मोड़ा ) हिंदी से हिंदुत्व है , हिंदुत्व से हिंदुस्तान । हिंदी भाषा सर्वोपरि है , नित करें इसका सम्मान । हिंदी से ही सम्भव है , सारे वेदों का ज्ञान । हिंदी भाषा से ही हम पढ़ पाते हैं , गीता और कुरान । हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा […]

ऐ प्रकृति तू

-प्रेमलता, चौखुटिया,  अल्मोड़ा ऐ प्रकृति तू ऐ प्रकृति तू इतनी अद्भुत कैसे हो गई है? ना कोई जादू ना कोई चमत्कार फिर ऋतुओं में परिवर्तन कैसे लाती है? ऐ प्रकृति तू… कभी जाड़े से तेरे तपन बिन देह का लहू भी जम जाता! तो कभी तेरी हवा व छांव बिन जीवन तक थम जाता है! […]

जीवन रेखा हिन्दी

-सोनू उप्रेती’साँची’, अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड शब्दों की खान हिन्दी जनमानस की पहचान हिन्दी मातृभाषा का श्रृंगार हिwन्दी हिन्द का पहला प्यार हिन्दी।। संस्कृति की वाहक हिन्दी अभिव्यक्ति में सहायक हिन्दी रगों में सबके बहती हिन्दी हिन्द की गौरव गाथा हिन्दी।। भावों का प्रवाह हिन्दी साहित्य की धार हिन्दी वंदनीय है जग में हिन्दी घर देहरी मान […]

मन के सुमधुर गीतों की हो पिता झनकार तुम

ह्रदय स्पन्दन में तुम साँसों की आवाज तुम मन के सुमधुर गीतों की हो पिता झनकार तुम।। राह , प्रकाश पुँञ्ज तुम रीढ़ तुम स्तम्भ तुम तपित शिलाओं के बीच हो पिता शीत बौछार तुम।। भविष्य के सरताज तुम शान तुम जहान तुम डूबती नैय्या के हो पिता पतवार तुम।। रूह में घुली मिठास तुम […]

अदृश्य स्नेह

न अश्रु बन छलकता है, ना मुख पे कभी झलकता है। पर सागर से भी गहरा सदा, अदृश्य स्नेह पिता का होता है। बिन सोचे बिन कहे मिले, उनसे सुख वैभव सभी, फिर जगकर दिन और रातों को भी, ताउम्र चैन से कभी ना सोते। थामकर उंगली जब से, अंगना में चलना सिखलाए, फिर दुनिया […]

बोल प्रेम के

विश्वास के समुन्दर सम्हाले हुए रखना। लहरें खुशी की हरदम लहराते हुए रहना।। पलकों में सजा के रख लिया चेहरा ये फूल सा। हमदम मेरी आँखों में आते हुए रहना।। नजरों से हुई मुखातिब नजरें जो इस तरह। ये निगाह इस निगाह में डाले हुए रहना।। मुश्किल नहीं है कोई गर साथ दे सको तो। मुस्कान इन होंठों पे लाते हुए […]