– आदित्य कुमार, पुराना बिंदुखत्ता दो रोटी को तरसते है, बात क्या बतायें पोषण का? बच्चे शिकार क्यों न हो? माँ थी शिकार कुपोषण का। पालक चहा कर भी , कुछ नहीं कर पाता है, भूख प्यास सह कर , दो पैसे ही ला पाता है। होती है शिकार औरत जालसाजी और शोषण का बच्चे […]