अभिशाप नहीं वरदान हूं मैं, सृष्टि का मूल आधार हूं मैं, पत्थर नहीं इंसान हूं मैं, सभ्यता की पालनहार हूं मैं। मां का सम्मान हूं मैं, पिता का स्वाभिमान हूं मैं, संस्कृति की संवाहक हूं मैं, अभिशाप नहीं वरदान हूं मैं। आत्मशक्ति का मूल आधार हूं मैं, कभी दुर्गा तो कभी काली हूं मैं, मां-बाप […]