-प्रियदर्शनी खोलिया, हल्द्वानी
सर्दी का है मौसम आया,
आसमान में कोहरा छाया।
कहीं पड़ेंगे ओले,
तो कहीं पड़ेगी बरफ,
पर यह ठंड तो छा गई हर तरफ।
सब के गर्म कपड़े जैसे स्वेटर और जैकेट निकल जाते हैं,
बाजारों में गुड़ मूंगफली और सेब केले ही आते हैं।
बच्चों के स्कूल हो जाते हैं बंद,
रात को गर्म रजाई के अंदर सोते हैं, रोज रोज नहाना नहीं पड़ता इसलिए हाथ पैर ही धोते हैं।
कुछ लोग सर्दियों में मजे से आइसक्रीम खाते हैं,
पर उसके तुरंत बाद अस्पताल पहुंच जाते हैं।
कुछ लोग कहते हैं कि हमें विटामिन की गोलियां है लेनी,
पर सर्दियों में दिन भर धूप में बैठकर मुफ्त में ले सकते हैं विटामिन डी।
सर्दियों का मौसम तो मेरा प्रिय मौसम है क्योंकि कई त्यौहार जैसे –
दिवाली, लोहरी, मकर संक्रांति, बसंत पंचमी, शिवरात्रि, नया साल और क्रिसमस सर्दियों में ही आते हैं,
जिन्हें पूरे भारत में जोश और उत्साह से मनाते हैं।
January 14, 2023
Too good poem!
Keep it up!
January 16, 2023
Nice
January 14, 2023
बेहद सुंदर और रचनात्मक कविता।
January 16, 2023
Very nice poem well done beta
Keep it up.
January 14, 2023
Well done Poorva …Keep it up..
January 14, 2023
Nice line little girl
January 15, 2023
Very nice poem Priyadarshini , it relates to everyone’s life. God bless you and keep it up.
January 15, 2023
अति सुन्दर
January 15, 2023
Very nice poem…. Keep it up
January 15, 2023
Nice poem Priyadarshini, keep it up!!!!
Well done dear ❤️
January 16, 2023
Great