September 19, 2020 0Comment

सपना छिपा हुआ अंकुर है

-ज्योत्सना कलखुड़िया, टनकपुर

सपना छिपा हुआ अंकुर है
नव विचार का फूल खिला
नई इमारत गढनी हो तो
सपना है आधार शिला

बिना विचारों के मंथन के
गाथा सभी अधूरी है
गर विकास की बात करें तो
सपना बहुत जरूरी है

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gtripathi

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