हेमलता मलारा
मीठे सुरों से फूके सभी अपनत्व के मंत्र
चलो मिलकर ढूंढे फिर से वही गणतंत्र
जहां हर राह में सद्भाव समाया हो
मनुष्य से कोसों दूर हर मोह माया हो
सत्य की मशाल से हर रास्ता जगमगाया हो
मानवता का संदेश हर एक मन में समाया हो
जहां हर शख्स विचार रखने हेतु हो स्वतंत्र
चलो मिलकर ढूंढे फिर से वही गणतंत्र
जहां की राजनीति में हो जनता का राज
सभी के हो अपने ढंग ,सभी के हो अपने काज
सभी के मस्तक पर सजे आत्म गौरव का ताज
सभी अपने अपने जीवन के हो सरताज
जहां के जर्रे जर्रे में हो आदर्श के मूलमंत्र
चलो मिलकर ढूंढे फिर से वही गणतंत्र
ऐसा समाज जहां हिंसा द्वेष को ना मिले स्थान
सभी के अपने तरीके हो सभी की अपनी पहचान
जहां की पावन हवा में उड़ते ही बढ़ जाए अपनी शान
जहां वतन के मतवाले चहूं ओर गाए मंगल गान
महज सुनाई दे बस यही गुरुमंत्र चलो मिलकर ढूंढे फिर से वही गणतंत्र
मस्ती के बुलबुले जहां बुदबुदाएं
नन्हीं कोपल स्वयं पुष्पित और पल्लवित हो जाए
कोई किसी के मार्ग में बाधा न पहुंचाए
सभी का एक लक्ष्य हो ,जिसे हर्षित हो सभी अपनाएं
जागृति के स्वर चलाए अपने मोह मंत्र
चलो मिलकर ढूंढे ऐसा गणतंत्र
January 27, 2022
Thank you sir