September 24, 2022 1Comment

रामधारी सिंह दिनकर

-सुबोध कुमार शर्मा शेरकोटी, गदरपुर, ऊधमसिंह नगर

दिनकर ने दिनकर सम, ज्ञानालोक को फैलाया
कुरुक्षेत्र का सृजन कर, काव्य मर्म को समझाया।।

अज्ञानान्धकार को तुमनें, ज्ञान प्रकाश से दूर किया।
राष्ट्र कवि से सम्मानित हो, राष्ट्रीय काव्य का सृजन किया।।

हम अर्पित करते श्रद्धा सुमन, शब्द पुष्प तुमको हैं अर्पित।
साहित्यकाश मे रवि सम, निरख हमसब अति है गर्वित ।।

राम को धारण कर तुम, रामधारी सिंह तुम कहलाये।
सृजन मनोरम नवल काव्य कर, साहित्य पुंज से भाये।।

हे महा कवि दिनकर तुम, प्रेरणा श्रोत हो साहित्यकारों के।
शत शत नमन करते तुमको, हम ऋणी तव श्रेष्ठ विचारों के।।

 

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