April 30, 2023 0Comment

जीते हैं या जीने का अभिनय करते हैं…


स्थानांतरण पर जेएनवी के प्रधानाचार्य राज सिंह को दी विदाई
हरफनमौला साहित्यिक संस्था की ओर से काव्य गोष्ठी का आयोजन
हल्द्वानी। हरफनमौला साहित्यिक संस्था की ओर से रविवार को छड़ायल स्थित इकपर्णिका लाइब्रेरी परिसर में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं वरिष्ठ कवि राज सिंह को उनका स्थानांतरण होने पर विदाई दी गई। साथ ही राज सिंह को काव्य रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया।


कार्यक्रम का शुभारंभ प्रसिद्ध फिजियोथेरिपिष्ट डॉ. नवीन लोहनी, जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रधानाचार्य राज सिंह और हरफनमौला साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष गौरव त्रिपाठी ने मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इस दौरान राज सिंह ने सुनाया-जीते हैं या जीने का अभिनय करते हैं। डॉ. गीता मिश्रा गीत ने कहा-तुलसी जहां हो पूजित, खनके बहू का कंगना। मोहन चंद्र जोशी ने कहा-ये बुके-बुके से रश्मि पुंज, धूप नहीं धूपिया हैं। योगेश बहुगुणा योगी ने कहा-कई नजदीक हैं उसके नहीं यूं ही खफा है वो। कमल सिंह ने कहा-कागजों की हसीयतों पे लिखा उसका हिस्सा था।

हर्षित जोशी ने कहा-जब भी मुस्कुराया हूं, तेरे ख्यालों ने ये शरारत की है। ललित भट्ट ने कहा-उम्र हो रही शादी की, लड़कियों का अकाल हो रहा है। हिमांशु पाठक ने कहा-दिवाना वो जो पागल बनकर सड़कों पर भटकता है। इसके साथ ही लीला खोलिया, हर्षिता जोशी, लक्षिता जोशी, भूप सिंह, रमेश चंद्र द्विवेदी ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं।

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