भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष्य में कवि सम्मेलन
इकपर्णिका लाइब्रेरी एवं हरफनमौला साहित्यिक संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजन
हल्द्वानी। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष्य में इकपर्णिका लाइब्रेरी एवं हरफनमौला साहित्यिक संस्था के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। इस दौरान हल्द्वानी और उधमसिंह नगर के 27 से अधिक युवा एवं वरिष्ठ कवियों ने कविता पाठ करके समां बांध दिया। इस दौरान रूद्रपुर की वरिष्ठ कवयित्री आशा वाजपेयी की प्रथम पुस्तक काव्य सुधा का विमोचन किया गया। साथ ही हरफनमौला साहित्यिक संस्था के सातवें वर्ष में प्रवेश करने पर नए साल के कलेंडर का भी लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रशिक्षण प्रमुख मनोज पाठक, दून कॉन्वेंट स्कूल के प्रधानाचार्य कृष्णा जोशी, ऑक्सफोर्ड एकेडमी रूद्रपुर के उप प्रधानाचार्य मुकेश रॉय, वरिष्ठ कवयित्री आशा वाजपेयी, जेजेएन के डायरेक्टर विजय पाल ने अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
मुख्य अतिथि मनोज पाठक ने कहा कि कवि हृदय भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जैसी महान शख्सियत का हमारे देश का प्रधानमंत्री बनना सौभाग्य की बात थी। उनके नेतृत्व में भारत ने विकास की कई उंचाइयों को छुआ। उनकी कविताओं में देश के प्रति हौसला दिखता था। उनके बताए मार्ग पर चलकर ही हम देश को फिर से विश्व गुरू बना सकते हैं।
रूद्रपुर से आए वरिष्ठ कवि मुकेश रॉय ने सुनाया-गुरू गुड़ ही रहा, चेला चीनी हो गया। हल्द्वानी की किरन पंत वर्तिका ने सुनाया-देह मर गया, आत्मा से प्रबल हूं। रूद्रपुर के डॉ. सबाहत हुसैन खान ने सुनाया-मौसम है बहार, गजल कह रहा हूं। सितारगंज के रितेश जिंदल ने कहा-बात यहीं नहीं बस वीरों की गाथा है सब। अंशुमान जोशी ने कहा-इस सृष्टि के सृजन से लय तक, बस एक यही सच है। कमल सिंह ने कहा-कोई शस्त्रों से खेलता है तो कोई बुद्वि से खेलता है। तनुजा नयाल ने कहा-गांव का हर एक कोना सुनसान हो गया, आज फिर से गांव की संस्कृति सस्ती और माडर्न जमाना महंगा हो गया। इसके अलावा हर्षित जोशी, ललित भट्ट, योगेश बहुगुणा, रमेश चंद्र द्विवेदी, मोहन चंद्र जोशी, मंजू सिजवाली, हर्षिता जोशी, पूरन भट्ट, रितेश जिंदल, प्रदीप उपाध्याय, किरन भट्ट, बीना फुलेरा, सौम्या दुआ, डॉ. अंकिता चांदना, डॉ. शबाना अंसारी, सावित्री नेगी ने भी रचना पाठ किया। इस मौके पर दीप पांडे, नागेश दुबे, दीपक पंत आदि मौजूद थे।