-डॉ. अंकिता चांदना, हेल्थ केयर सेंटर फिजियोथैरेपी स्लिमिंग एंड फिटनेस आदर्श नगर कालाढूंगी रोड हल्द्वानी 97564 65781
लिंफ एडिमा होता क्या है यह आमतौर पर कैंसर के इलाज का एक हिस्सा रूप मान सकते हैं। इसमें लिंफ नोड्स जो हटाई जाती हैं। वह शक्ति के कारण सुजान दर्द त्वचा का रूप बदलने जैसे इलेक्शन देखे जाते हैं। सजी हुई ग्रंथियां की शरीर की शरीर संक्रमण से लड़ रहा है प्रिंस नोटिस का अचानक सूजन कैंसर का संकेत दे सकता है यह स्थिति तब देखी जाती है जब लिप वाहिकाएं आमतौर पर हाथ या पर से लिंफ द्रव को पर्याप्त रूप से निकलने में सक्षम नहीं होती है फिल्म फातिमा के सबसे आम कर्म में शामिल है कैंसर यदि कैंसर कोशिकाएं लसीका वाहिकाओं को अवरुद्ध कर देती है तो लिंफड़ी मां का परिणाम हो सकता है लिंफोडेमा आमतौर पर हाथ या पैर में भारीपन या टांग महसूस होने से शुरू होता है जैसे-जैसे यह आगे बढ़ता है सूजन आती जाती है अचानक हाथों में अंगूठियां घड़ियां टाइट हो जाती हैं जूते फिट नहीं होते पर में अंग में दर्द हो सकता है लचीलापन कम हो जाता है या खुजली भी हो सकती है यह तब होता है जब लिंफ शरीर में उसे तरह से प्रवाहित नहीं हो पता जिस तरह से होना चाहिए बहुत अधिक वजन वाले लोगों में लिंफड्डेमा होने का खतरा अधिक होता है इसमें डाइट का भी अपना एक अलग रोल है नमक ज्यादा नमक कैफीन ओमेगा 6 या 9 शराब और मिठाई ज्यादा मीठा यह खाद्य पदार्थ इस पर विपरीत प्रभाव डालते हैं यानी कि इसे बढ़ाने का काम करते हैं तो लिंफोडेमा वाले रोगियों को इनसे बचना चाहिए लिंफोमा को कम करने के लिए कौन से आहार मदद करते हैं इसमें आता है ग्रिल्ड या बेक्ड बींस लीन प्रोटीन जैसे मछली या पोल्ट्री चुने ज्यादा वसा वाले जैसे भी व्यापार वाले को कम से कम उपयोग करें पनीर का सेवन कर सकते हैं प्रोटीन में शकरकंद बीस ब्राउन राइस और वोट मिल जैसे कार्ब्स चुने जिसमे फाइबर ज्यादा होता है केला भी इसके लिए एक अच्छा फल है सतिम होने पर त्वचा का खास ख्याल रखना चाहिए किसी भी तरीके का कट या जला जेल से बचना चाहिए एडिमा लिंफोडेमा से ग्रस्त शरीर के अंग पर टीकाकरण भी ना लगे और इस अंक का खास ख्याल रखें स्किन को त्वचा को मॉइश्चराइज रखें लिंफ फातिमा के लिए फिजियोथेरेपी किस तरीके से मदद करती है इसमें सबसे पहले आता है पूर्ण दी कन्जेस्टिव थेरेपी जिसके चार स्तंभ है संपीडन मालिश त्वचा की देखभाल व्यायाम De congestive lymphatic therapy लक्षणों को नियंत्रित करने में उपयोग किया जा सकता है! साथ ही कंप्रेशन गारमेंट्स जैसे कि दस्ताने, आस्तीन ,स्टॉकिंग का इस्तेमाल किया जाता है जिससे यह सुजान घटना में मदद मिलती है,*व्यायाम भी बहुत ही मुख्य भूमिका निभाता है आपके सूजे हुए हाथ या पर को हिलाने से एक्सरसाइज व्यायाम करने से तरल पदार्थ निकल सकता है, जिससे सूजन कम हो सकती है।
इसी प्रकार कंप्रेशन सॉक्स या स्टॉकिंग भी सूजे हुए हाथ या पर पर बेहतर तरीके से फिट बैठता है जिससे लिंफ द्रव बाहर निकल जाता है साथ ही त्वचा की देखभाल जैसे लिंफायडर्म लोशन का इस्तेमाल किया जाता है जो की सबसे सुखदायक समाधान है त्वचा को पुनर्जीवित, हाइड्रेट, पोषण और सुरक्षा प्रदान करता है ,ऐसा कि हम जानते हैं कि लिंफेडेमा की स्थिति में अतिरिक्त द्रव जमा होने लगता है शरीर में और उसे शरीर से निकलने के लिए हमें कुछ थेरेपी का सहारा लेना पड़ता है जिसमें से की एक है* कंप्रेशन थेरेपी यह बहुत ज्यादा मददगार है और प्रभावित क्षेत्र में देने से यह सूजन को घटाने का और इस लिप्स को बाहर निकलने का ड्रेन करने में मदद करती है -कैंसर की सर्जरी के बाद यह स्थिति ज्यादा देखने को मिलती मिलती है पांच में से एक महिला ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी को झेल कर आती है उसे लिंफ एडिमा की शिकायत से गुजरना पड़ता है और इससे बचने के लिए सबसे अच्छी थेरेपी है कंप्रेशन थेरेपी।
कंप्रेशन थेरेपी फ्लड को यानी कि द्रव को ड्रेन करने में शरीर से निकलने में मदद करती है और शरीर के जिस अंग में लिंफ एडिमा होता है उसकी लचीलापन बढ़ाने में भी मदद करती है साथ ही यह रिकवरी प्रोसेस को भी जल्द करवाती है यह सूजन घटाने में मदद करती है। साथ ही ब्लड क्लोट के रिस्क को भी काम करती है। किसी भी प्रकार के घाव को भरने में भी यह मददगार है यह वेरीकोज वें(varicose vein) में भी इस्तेमाल की जाती है और वेरीकोज वें का भी बहुत सही इलाज है यह मसल्स के मांसपेशियों के पंपिंग (pumping action)एक्शन में मददगार है साथ ही यह मेटाबॉलिक वेस्ट(toxin)को शरीर से निकलने में कारगर है।
इसी के साथ शरीर की जरूरी व्यायाम भी सूजी हुई ग्रंथियां को वापस से हेल्दी Swasth बनाने में मदद करते हैं साथ ही कुछ बैंडेज(compression bandage)कंप्रेशन बैंडेज भी इसमें जरूरी बताए जाते हैं कंप्रेशन थेरेपी और व्यायाम दोनों ही शरीर में खून के दौरे को नियंत्रित करते हैं जिससे कि सुजान जल्दी घटती है दर्द भी काम होता है और वापस उसे अंग को स्वस्थ होने में मदद मिलती है।