हरफनमौला साहित्यिक संस्था ने धूमधाम से मनाया वार्षिकोत्सव
कवि सम्मेलन, सम्मान समारोह, नाटक मंचन का आयोजन
हरफनमौला साहित्यिक संस्था ने पांच वर्ष पूरे कर छठे वर्ष में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में अपना वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया। इस दौरान विराट कवि सम्मेलन, सम्मान समारोह एवं नाटक मंचन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ कवि पूरन भट्ट, रमेश चंद्र द्विवेदी, वरिष्ठ कवयित्री डा. गीता मिश्रा गीत, डा. भगवती पनेरू, सौम्या दुआ, किरन पंत वर्तिका को नाज-ए-कलम सम्मान से सम्मानित किया गया। साथ हास्य व्यंग्यकार गौरव त्रिपाठी के उपन्यास दामोदर दा पर समिट पब्लिक स्कूल के बच्चों ने एक नाटक प्रस्तुत किया।
रामपुर रोड स्थित मंगलम मैरिज लॉन में हुए वार्षिकोत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिला पंचायत उपाध्यक्ष आनंद दरम्वाल, विशिष्ट अतिथि आप के प्रदेश प्रवक्ता समिट टिक्कू, प्रसिद्व फिजियोथेरिपिस्ट डॉ. नवीन लोहनी, गुरूजी उत्तराखंडी के डायरेक्टर दीपक पंत, कात्यायनी फाउंडेशन की अध्यक्ष आशा शुक्ला, किशोर दरम्वाल, नागेश दुबे ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इस दौरान कवियों ने खूब समां बांधा।
हास्य कवि वेद प्रकाश अंकुर ने सुनाया-आजकल उन्हीं का जमाना आ गया, जिन्हें झूठ को सच बनाना आ गया। गदरपुर से आए बल्देव अरोरा ने कहा-जज्बात से हमारे मत खेलो, हम धैर्य अपना खो देंगे। रमेशचंद्र द्विवेदी ने कहा-अगर इस धरा पर जवानी न होती, तो तेरी और मेरी कहानी न होती। मोहन चंद्र जोशी मोहंदा ने कहा-चंूकि वो छूने आती है इसलिए छके जाती है। पूरन भट्ट ने कहा-चांदी की मुनड़ी में चड़ो सुनपाणि। सौम्या दुआ ने कहा-हथेली पर रखकर राख, हमने फूंक मार दी। किरन पंत वर्तिका ने कहा-इसे ताल्लुक नहीं बेखौफ चंचल सी। डॉ. गीता मिश्रा गीत ने नवरात्र पर मां का गुणगान सुनाया-मैया लाल चुनरिया रंगाई, चौकी रंग-बिरंगी सजाई। डॉ. भगवती पनेरू ने सुनाया-पा जाओगे जब कुर्सी तुम, मानवता जीवित रख पाओ, हम तब जानें, चाटुकारों के बिन जी पाओ, हम तब जानें। खटीमा से आए रामरतन यादव ने सुनाया-फूलों की तरह जग में महकती हैं बेटियां। मनीष पांडेय आशिक ने कहा-लबों को चूमकर वो दास्तां सुनाती थी। नीरज मिश्रा ने कहा-एक मैं एक तुम, अनचाही राह में चल पड़े। इसके अलावा मयंक कुमार, राधिका राठौर, दीपांशु कुंवर, बिपाशा पौड़ियाल, अनुपम जोशी, काव्या बिष्ट ने भी काव्य पाठ किया। इसके साथ ही लेक्स इंटरनेशनल स्कूल भीमताल के बच्चों मयंक दनाई, लता पांडेय, श्रेया भारती ने भी शानदार कविताएं सुनाईं। समिट पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या निधि पाहवा ने सभी का आभार जताया।