September 28, 2022 1Comment

मंजिलें

-मुकेश राय, रूद्रपुर उधमसिंह नगर

तुझे अपना हर कदम आगे ही बढ़ाना है
मंजिलें तुझ से लाख दूर सही एक दिन
वहां तक पहुंच ही जाना है।
तू ओ बैठा थक हारकर, हंसेगा तुझ पर
बड़ा बेदर्द जमाना है।
तुझे अपना हर कदम आगे ही….

गए वक्त की परवाह करना ही क्या
क्या मनाना बीते दिनों पर मातम
क्या लौटकर आया कभी गुजरा जमाना है
तुझे अपना हर कदम आगे ही….

जिंदगी परेशानियों का पुलन्दा ही सही
बोझ तो इसका तुझको ही उठाना है।
तुझे अपना हर कदम आगे ही बढ़ाना है।
हंस के बिता दे यहां चार दिन
यही जिन्दगानी का फसाना है।
तुझे अपना हर कदम आगे ही…….

 

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gtripathi

1 comments

  1. Great sir

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