July 08, 2022 3Comments

करो सम्मान नारी का

-डॉ. गुंजन जोशी, हल्द्वानी, उत्तराखंड

करो सम्मान नारी का, तो हो उद्घार देश का
जन्मदाता है वीरों की, ये है आधार देश का।।

एक नारी ही नारी को, संवार सकती है
एक दूसरे का साथ बन,भव पार करती है।
इस भूमि सी निश्छल है, सब पाप ढोती है
फूल और काटों से शोभित, पावन धरती सी है।
करो गुणगान नारी का, तो हो सत्कार शेष का
जन्मदाता है वीरों की, ये है आधार देश का।।

ये राष्ट्र ध्वज की रक्षक, बनने की तैयारी में,
एक यौद्धा, गृहिणी, शिक्षक सब गुण हैं नारी में।
सादी हैं मर्यादित हैं, घर आंगन को सींचे
बेखौफ बने जब काली, दुश्मन रण में खींचे।
बनो अभिमान नारी का,न देखो सार वेष का
जन्मदाता है वीरों की, ये है आधार देश का।।

नव रस से, नव रत्नों से संचित जीवन करती
जो रंग अधूरे छूटे, मां बन उनको भरती।
प्यासे की प्यास बुझादे,अपने अश्रु जल से
कत्तर्व्य परायण पथ पर,जीते नभ से, थल से।
ये है परवान नारी का,सुगम मल्हार देश का।
जन्मदाता है वीरों की, ये है आधार देश का।।

जो थामे हाथ किसी का,रोशन घर घर कर दे
जो छोड़े साथ किसी का, जीवन बंजर कर दे।
अपनी मीठी वाणी से रस मधुवन में घोले
जो वचन वो कढ़वे बोले, अमृत भी विष होले।
यही है सार नारी का,न रखो भाव द्वेष का
जन्मदाता है वीरों की, ये है आधार देश का।।

करो सम्मान नारी का, तो हो उद्घार देश का
जन्मदाता है वीरों की, ये है आधार देश का।।

 

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gtripathi

3 comments

  1. Bahut khoobsurat kavita….
    Bahut hi sundar..
    Sabhi matao behno ki jai

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  2. अति उत्तम एवं प्रेरक रचना
    नारी का सम्मान करने वाले समाज की उन्नति निरन्तर होती है
    आपका हार्दिक अभिनंदन एवं साधुवाद

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  3. Osm mam such a inspirational poem thnxx fo this poem

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