-माही अधिकारी
द पैंथियान स्कूल हल्द्वानी
ये कैसा है कलयुग भगवन, कोई हमें बताओ जी।
जहां फटी जीन्स को फैशन कहते,
ये साड़ी को पूछते नहीं।
ये कैसा है कलयुग भगवन, कोई हमें बताओ जी।
सुंदर प्रकृति इन्हें फोन में दिखती,
कोई इन्हें असली प्रकृति को नजारों का एहसास दिलाओ जी।
ये कैसा है कलयुग भगवन, कोई हमें बताओ जी।
न दिला पाए न्याय श्रद्धा को,
न ही दिला पाए अंकिता को,
इन लोगों ने तो बस बढ़ावा दिया
तो सिर्फ, सचिन और सीमा के प्यार को।
ये कैसा है कलयुग भगवन, कोई हमें बताओ जी।
राम-राम ये जपते रहते,
पर राम जैसे काम नहीं।
खाते मांस-मदिरा हैं,
फिर करते राम का ध्यान जी
ये कैसा है कलयुग भगवन, कोई हमें बताओ जी।
April 1, 2024
Very nice mahi adhikari