June 21, 2022 0Comment

एकता यहाँ की पहचान

-भुवन बिष्ट, रानीखेत

यह पावन धरा है भारत भू की,
एकता यहाँ की है पहचान।
होली ईद मनाते गुरूपर्व दिवाली,
क्रिसमस भी है हमारी शान।।
राम रहीम प्रभु ईशु मसीह का,
होता नित नित ही गुणगान।
यहाँ भाईचारा हर जन मन में,
हम करते एक दूजे का सम्मान।
यह पावन धरा है भारत भू की,
एकता यहाँ की है पहचान।……
मातृभूमि की चरण धूलि हम,
सदा सदा ही शीश लगाते हैं।
हम मानव धर्म ही सदा निभाते,
मानवता के दीप जलाते हैं।
भिन्न भिन्न पुष्प बनकर सब,
हम एक बगिया महकाते हैं।
यह सर्व धर्म का राष्ट्र हमारा,
एकता की झलक दिखाते हैं।
कभी राग द्वेष में नहीं उलझते,
यहाँ एक प्रभु की सभी संतान।
यह पावन धरा है भारत भू की,
एकता यहाँ की है पहचान।……
सजी सुंदर धरा खलिहानों से,
यहाँ पावन सरिता की धारा है।
परंपराओं का नित नित संगम,
मिलकर सब ने इसे सवाँरा है।
होते नहीं जाति धर्म में खण्डित,
मानव धर्म सभी का प्यारा है।
हृदय में बसा है भाईचारा यहाँ,
सुंदर सभ्य पावन राष्ट्र हमारा है।
करूँ नमन वंदन भारत भूमि को,
हम आओ बढ़ायें इसका मान।
यह पावन धरा है भारत भू की,
एकता यहाँ की है पहचान।

Social Share

gtripathi

Write a Reply or Comment